प्रत्येक व्यक्ति का अपने राष्ट्र के प्रति कुछ उत्तरदायित्व होता है। देश के मानव संसाधन को अधिक से अधिक सुमृद्ध सुशिक्षित तथा मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए । राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसका मानव संसाधन होता है। किसी भी राष्ट्र का मानव संसाधन उस राष्ट्र की अमूल्य निधि होता है।हमारा प्रयास या हमारी दृष्टि भारत के मानव संसाधन को सही दिशा में तथा सही समय में कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। हम चाहते है हर व्यक्ति उसकी संपूर्ण योग्यताओं को वस्तुष्ठि रूप से जाने तथा उसके अनुसार अपना निर्णय ले। हमारा प्रयास छात्र व्यक्ति को उसकी स्वयम् की क्षमताओं से परिचित कराना है ताकि वह उसके अनुरूप राष्ट्र तथा समाज की उत्पादकता में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके । हमारा प्रयास प्रत्येक व्यक्ति छात्र पर व्यक्तिगत रूप से उसके संपूर्ण विकास जैसे शैक्षिक सामाजिक सांस्कृतिक सांवेगिक दार्शनिक आर्थिक क्षैत्रों में सुसमृद्ध बनाने में उसकी हर संभव सहायता प्रदान करना है।.